मोहक मुस्कान के साथ, एक खूबसूरत महिला आत्म-आनंद की कला में लिप्त होती है, अपने शरीर का पता लगाती है, अपनी त्वचा पर नृत्य करती है, अपनी उंगलियों से खुद को आनंदित करती है, इच्छा का मार्ग ढूंढती है। कैमरा उसकी अंतरंग यात्रा के हर पल को कैद करता है, शुरुआती छेड़ से लेकर अंतिम रिहाई तक। वह धीरे-धीरे शुरुआत करती है, उसकी उंगलियां उसके संवेदनशील धक्कों को छेड़ती हैं, उसके शरीर से आनंद की लहरें भेजती हैं। प्रत्युत्तर ही, वह अपनी दुनिया में खो जाती है, उसका शरीर परमानंद में डूब जाता है क्योंकि वह खुद को किनारे पर लाती है। चरमोत्कर्ष पर पहुंच जाता है, उसका बदन खुशी के थ्रोज़ में सिहर जाता है, उसकी कराहें कमरे में गूंजती हैं। यह एकल प्रदर्शन आत्म-प्रेम की एक परीक्षा है, जोशय और अनियंत्रित जुनून को देखने के लायक है। यह यात्रा एक उत्तेजना और आत्म-अनयन की यात्रा है, जिसके परिणामस्वरूप आत्म-अभिव्यक्ति होती है।.