एक युवा महिला एक अनोखे शगल में लिप्त होती है, खुद को एक अजीब वस्तु के लिए तैयार पाती है - एक बड़ी लौकी। उसकी जिज्ञासा उसे उत्तेजित करती है, वह चिकनी सतह को सहलाने लगती है, उसका स्पर्श उसकी रीढ़ की हड्डी से नीचे सिहरन पैदा करता है। सनसनी अत्यधिक होती है, जिससे उसके भीतर एक उग्र इच्छा प्रज्वलित होती है। वह अपने अधोवस्त्र और पैंटी बहा देती है, उसका शरीर नंगा हो जाता है और उजागर हो जाता है। उसकी उंगलियां उसके अपने शरीर के कर्व्स का पता लगाती हैं, उसकी सांसें पकड़ती हैं क्योंकि वह अपनी गर्म त्वचा के खिलाफ लौकी की ठंडक महसूस करती है। उसका आनंद बढ़ता जाता है, उसकी हरकतें और अधिक उन्मत्त हो जाती हैं क्योंकि वह मादकते लयपूर्ण लय में खो जाती है। उसके स्टॉकिंग-पड़े पैरों की दृष्टि चौड़ी हो जाती है, उनके बीच घोंसा हुआ लौकी दृष्टि। यह एकल सत्र उन लोगों की इच्छाओं की असीमित खोज का एक वसीयतनामा है, जिन पर विचार किया जाता है कि फल का स्वाद क्या है।.